देवर के लंड ने मेरी प्यासी चूत तृप्त हुई

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(Devar Bhabhi Xxx Story)

Xxx देवर भाभी कहानी में मेरे घर पर मेरा देवर रहता था। एक बार मेरे पति बहुत दिनों के लिए बिजनेस टूर पर गए। उस समय मेरी इच्छा भड़की। देवर घर में था।

दोस्तों, आपका स्वागत है अन्तर्वासना.कॉम पर।

यह मेरी पहली सच्ची सेक्स कहानी है, जो 2016 में मेरे और मेरे देवर के साथ शुरू हुई। मैं चाहती हूं कि आप इसे पढ़ें।

अगर कहीं कोई गलती हो तो मेरी प्यारी भाभी मान कर माफ कर देना।

अब ज्यादा वक्त न लेकर सीधी कहानी पर आते हैं।

मेरा नाम महिमा पंडित है। पहले मैं अपने फिगर का जिक्र कर दूं। मेरी बॉडी साइज 34-32-36 है।

देखकर कोई भी मोहक हो सकता है, और बिना मुठ्ठी मारे नहीं रह सकता।

यह कहानी 2016 की है, जब मेरे देवर के साथ मेरी मुलाकात हुई। मेरी शादी 2007 में दिल्ली में हुई थी।

शादी के दस साल तक मेरे मन में कभी भी कोई गलत ख्याल नहीं आए।

मैं अपने देवर के बारे में बताऊं। वह बहुत स्मार्ट और हॉट है।
वो एक बड़ी कंपनी में काम करता है और उसकी सैलरी अच्छा है।

लेकिन कभी भी मेरे मन में उससे संबंध बनाने का ख्याल नहीं आया। और न ही उसके मन में कभी ऐसी बात आई।

यह सब तब का है, जब मेरी ननद की शादी हुई।
उसके बाद मैं घर में अकेले रहने लगी।

मेरे पति बिजनेसमैन हैं, और ज्यादा समय बाहर रहते हैं।

मेरे देवर को कंपनी साल में एक महीने की छुट्टी मिलती है।
उस समय देवर भी घर पर ही रहता था।

हम दोनों बहुत बातें करते थे।

एक दिन सुबह, देवर बाथरूम में नहा रहा था।
वह काफी देर से अंदर था।

मैंने देखने की इच्छा की।
मैं बाथरूम के पास खड़ी हो गई और सुनने लगी।

मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वह ऐसा कर सकता है।
वह जोर-जोर से हांफ रहा था, जैसे दौड़ लगा रहा हो।
वह अपना नाम लेकर बोल रहा था, “भाभी… आई लव यू, भाभी।”
वह कह रहा था, “मैं तुमसे प्यार करता हूं, भाभी।”

मैं बाहर से ही सुन रही थी।
मुझे लगा वह मेरा नाम लेकर मुठ्ठी मार रहा था।

आसमान से अचानक उसकी हांफना रुक गई।
मैं समझ गई कि कुछ हो गया।

फिर मैं घर के कामों में लग गई।
उस दिन मेरा मन बहुत बेचैन रहा।
उसकी आवाजें बार-बार मेरे मन को उत्तेजित कर रही थीं, क्योंकि मैं भी बहुत समय से संबंध नहीं बनाई थी।

हम दोनों ने मिलकर नाश्ता किया।
उसके बाद मैं फिर काम में लगी।
लेकिन मन कहीं और ही था।

देवर अपने कमरे में बैठ गया और सो गया।

सफाई करते हुए जब मैं उसके कमरे में गई, तो देखा कि देवर हाफ पैंट पहने था, और उसका बड़ा लंड बाहर साफ नजर आ रहा था। यह देखकर मैं सोचने लगी कि क्यों न इसे अपने हाथ में ले लें और अपनी प्यास बुझा लूं। मेरी बहुत दिनों से इच्छा बंधी थी। कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए।

एक दिन मैं नहाकर निकली, और तुरंत ही देवर भी बाथरूम में चला गया। उस दिन गलती से मैंने अपनी ब्रा और पैंटी छोड़ दी। थोड़ी देर बाद याद आया कि वे बाथरूम में ही रह गई हैं। जब दोपहर को मैं वापस जाकर अपने कपड़े लेने लगी, तो देखा कि मेरी ब्रा और पैंटी पर कुछ सफेद चिपचिपा सा लगा है।

मैं समझ गई कि देवर ने मेरी जुली में हाथ डाला है। तभी से मैंने भी उसके प्रति अधिक आकर्षित होना शुरू कर दिया। जानबूझकर मैं अपने कपड़े बाथरूम में छोड़ती या फिर खुद को छुपाने की कोशिश में अपने ब्रेस्ट दबाने लगी। ऐसा करने से उसका ध्यान मेरी तरफ आने लगा। मुझे भी लगने लगा कि मेरी इच्छा ज्वाला की तरह भड़की हुई है।

यह कहानी भाभी और देवर के बीच की शारीरिक संबंधों की थी। ये मन की इच्छा थी, और आप इसके बारे में पढ़ रहे हैं। कहानी मुझे अच्छी लगी, तो जरूर कमेंट करिए।

हम दोनों में बंधन मजबूत हो गया था। हम दोनों ही एक-दूसरे को देखने लगे, लेकिन कुछ गलत करने से पहले डरते थे। अंदर-ही-अंदर एक खौफ था।

एक बार हम दोनों साथ में डिनर कर रहे थे। खाने के बाद टीवी देखने लगे। तभी अचानक कोई किसिंग सीन दिखने लगी। दोनों का मन काफी गर्म हो गया। मैं बहाने से किचन में चली गई।

वापस आने पर देखा कि देवर ने अपना लंड पकड़ रखा है। उसका लंड बड़ा और मोटा था, ये देखकर मैंने देख ही लिया। उसे पता नहीं चला कि मैं वापस आ गई हूं। मैंने कुछ नहीं कहा, बस खांसी हो गई। उसने अपनी बात छुपाने की कोशिश की, लेकिन फेल हो गया। वह घबरा कर माफी मांगने लगा।

मेरे अंदर भी आग तेज हो रही थी। मैंने नाटक किया और कहा, “क्या कर रहे हो देवर जी? आने दो अपने भइया को, फिर बताऊंगी उन्हें। शर्म नहीं आती भाभी के सामने ये सब कर के?” वह डर गया। वह बोला, “भाभी, मैं हाथ जोड़ता हूं। ये सब गलती से हुआ। दोबारा नहीं होगा। घर में मत बताइए।”

वह रोने लगा, अपनी बातें दोहरा रहा था। मैंने कहा, “अच्छा, अब रोना बंद करो। फिर यह बताओ, क्यों कर रहे हो ये सब? ऐसा करने से तुम्हारा लंड कमजोर हो जाएगा।” यह बातें सुनकर वह थोड़ा शांत हो गया।

उसने कहा, “भाभी, आप यह सब क्यों बोल रही हो?” वह समझ गया कि मैं किसी को नहीं बताने वाली। उसने कहा, “आप सच में किसी को मत बताइए। जो भी कहोगी, मैं करने को तैयार हूं।”

देवर जी के बोल सुनकर मैंने अपने होंठों पर जीभ दौड़ाते हुए कहा, क्या उन सभी बातों का पालन करूँगा जो मैं कहूँ? फिर अपनी साड़ी के ऊपर से अपने प्राइवेट पार्ट को सहलाने लगी। मैंने देवर जी को कस कर पकड़ा और कहा, मैं भी बहुत प्यासा हूँ। दोनों एक-दूसरे को भूखे बंदरों की तरह चुम्मा देने लगे और अपने कपड़े फाड़ दिए। फिर हम दोनों बेडरूम में गए, और जैसे ही पहुंचे, दोनों नंगे हो गए। हमें पता ही नहीं चला कब हम 69 पोजीशन में आ गए थे।

दस मिनट तक हम यूं ही लिपटकर रहे और एक-दूसरे का सामना किया। देवर जी ने मेरे प्राइवेट हिस्से को चाट-चाट कर साफ कर दिया, और मैंने भी उनका लंड पूरी तरह से साफ किया। फिर हम दोनों फिर से चुंबन और तापमान बढ़ने लगे। मैं ने फिर से उनका लंड मुँह में लिया और खड़ा कर दिया। उनका लंड बहुत बड़ा था, मैं ठीक से अपने मुँह में नहीं समा पा रही थी।

कुछ ही मिनटों में हम सीधे बिछावन पर गिर पड़े। मैं ने उनका लंड अपने ऊपर रख लिया, लेकिन मोटाई की वजह से बार-बार फिसल जा रहा था। तब देवर जी ने कहा, “रुको, मैं तेल लाता हूँ।” वह तेल लेकर आए। मैंने अपने और उनके लंड, दोनों पर खूब तेल लगाया ताकि उनका लंड आसानी से अंदर घुस सके। मुझे बहुत दर्द हो रहा था।

मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी और लंड बाहर निकाल लिया। फिर आराम से लेट गई। देवर जी तुरंत मेरे ऊपर आए और एक झटके में उनका पूरा लंड अंदर चला गया। मेरी चूत से खून निकलने लगा, और मैं रोने लगी। मैं ने उनसे दया की भीख मांगी, लेकिन उन्होंने परवाह नहीं की और तेज़ी से चुदाई करने लगे। मेरे आंसू बह रहे थे, लेकिन वह नहीं रुके। दो बार मैं झड़ चुकी थी। कमरे में खून और पानी की आवाजें गूंज रही थीं। बीस मिनट बाद देवर जी का लंड स्थिर हो गया।

तब मेरी राहत मिली। मैंने कहा, “आप बहुत बेरहम हो। आपका लंड बहुत बड़ा और मोटा है।” बात सुनकर वह खुश हो गए और मुझे प्यार करते हुए ‘आई लव यू’ कहा। उस दिन हमने पूरे दिन और रात में छह बार मिलकर चुदाई की। उस दिन के बाद हमने घर में हर रोज तीन-चार बार सेक्स किया। कुछ दिनों में मेरे पति घर वापस आ गए। अब जब भी मौका मिलता है, हम दोनों मिलकर खूब चुदाई करते हैं। देवर जी के साथ करके मैं गर्भवती हो गई। मुझे एक बेटा हुआ, जो देखने में बिल्कुल देवर जी जैसा गोरा और स्मार्ट था। तब देवर जी की छुट्टियाँ खत्म हो गईं।

जब तक वह घर में थे, हम दिन में कई बार सेक्स करते थे। मुझे देवर के साथ की मज़ा कभी अपने पति से नहीं मिला। अब मेरे पति ने भी मुझे प्रेग्नेंट कर दिया है। बच्चे का लिंग मुझे जरूर बताना, लड़का है या लड़की। कैसी लगी मेरी कहानी, जरूर कमेंट करो। अगर इस Xxx देवर-भाभी की कहानी में कोई गलती हो, तो मैं फिर से माफी चाहूंगी।