(Shabnam Bhabhi Ki Chut Ki Chudai Ki Sexy Kahani)
दोस्तो! मेरा नाम रेहान है और मैं हैदराबाद में रहता हूँ और यह सेक्सी कहानी मेरी और मेरी भाभी की चूत चुदाई की सच्ची कहानी है। Ghar me shabnam bhabhi ki chudai
मेरी भाभी का नाम शबनम है और वो एक मध्यम परिवार से है। घर पर सिर्फ़ हम पाँच लोग ही रहते हैं। मेरी भाभी का साइज़ 36-26-36 है और वो एक दम सेक्सी है। मेरे भाई की शादी को 3 साल हुए थे और उन की कोई औलाद नहीं थी। इसी कारण मम्मी पापा मेरी शादी करना चाहते थे और उन्होंने एक लड़की भी देखी थी पर वो लड़की पसंद नहीं आई थी।
एक बार मेरे मम्मी और पापा को उनके एक रिश्तेदार की शादी में जाना था और उन्होंने मुझे भी चलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे काम पर से छुट्टी नहीं मिल रही थी तो भाभी ने भी मना कर दिया क्योंकि घर पर मैं अकेला ही रह जाऊँगा। वो लोग चले गए और भैया को भी उन के काम से शहर से बाहर जाना पड़ा था और वो 6 महीने के लिए शहर से बाहर गए थे। उस वक्त घर पर सिर्फ़ हम दोनों ही थे।
सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक दिन मैं काम से छुट्टी ले कर घर आ गया था। जब मैं कम से घर आया तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया। मैं अन्दर घुसा तो मैंने भाभी को आवाज़ नहीं लगाई और उन के कमरे में चला गया। मैंने देखा कि भाभी एक दम नंगी हैं और वो अपनी चूत और अपने बूब्स को दबा रही हैं और कुछ अजीब सी आवाज़ें निकाल रही हैं- आआ आआ आआ आआऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊओस्श्श्श्श् श्श्श्श्श्श् ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊओ!
जब भाभी ने मुझे देखा तो एक दम हक्की बक्की रह गई और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा मैं वहाँ से चला गया और फिर कुछ देर बाद भाभी कमरे से बाहर आई और मुझे देख कर सेक्सी तरीके से मुस्कुरा दी। मैं उस समय कुछ नहीं समझा।
रात को डिनर के बाद जब मैं सोने जा रहा था तो उन्होंने मुझ से पूछा कि क्या मैं उनके साथ सो सकता हूँ क्योंकि उनको अकेले सोने की आदत नहीं है। मैं उनके कमरे में चला गया और मैंने अपना बिस्तर नीचे लगाया तो भाभी ने कहा कि तुम मेरे साथ बेड पर सो सकते हो।
मैं ये सुन कर एक दम उनके बेड पर चढ़ गया। कुछ देर बाद मैं परेशानी महसूस कर रहा था तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ तो मैंने उनसे कहा कि मैं रोज़ सिर्फ़ अपने कच्छे में ही सोता हूँ।
तो भाभी ने कहा कि तो क्या हुआ यहाँ भी वैसे ही सो जाओ।
मैं ये सुन कर एक दम हैरान हो गया और फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ कच्छे में ही सो गया। ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा।
एक दिन मैं रोज़ की तरह सोने की तैयारी कर रहा था तो भाभी ने भी अपने कपड़े उतार दिए।
मैंने पूछा तो कहने लगी कि जब तुम अपने अन्डरवीयर में सो सकते हो तो मैं अपनी ब्रा और पेंटी में क्योँ नहीं सो सकती?
और फिर भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ही बेड पर सो गई। रात के 2 बजे मैंने किसी का हाथ अपनी छाती पर महसूस किया, देखा तो वो भाभी का हाथ है। मैं उन के और करीब हो गया। फिर मैंने अपना हाथ उन के बूब्स पर रख दिया जिस से मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया।
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मैं उनके बूब्स को आहिस्ता से सहलाने लगा। मुझे और थोड़ा जोश आया तो मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी पर रखा और अपनी उंगली उनकी फुद्दी पर फ़िराने लगा। वो भी मजा लेने लगी, मैंने देखा तो वो सिर्फ़ अपनी ऑंखें बंद कर के लेटी हुई थी। फिर मैंने अपनी उंगली उनकी पेंटी के अन्दर डाल दी और उनकी फुद्दी में अपनी उंगली को अन्दर बाहर करने लगा।
वो जोश के कारण आआअ ऊऊओ श्ह्श्श्श्श्श श्श्ह्स ओइ ओइओइ ऊऊ ओईइ ऊइओई ओइओइ ओओइओइ ओओइओइ ओइओइओ अहह हहछाहहछा कर रही थी। मैं समझ गया कि भाभी को अब मेरे लण्ड के दर्शन करने ही पड़ेंगे। मैंने अपना कच्छा उतार दिया और अपना लण्ड उनके हाथ में दे दिया। जैसे ही मैंने अपना लण्ड उनके हाथ में दिया, वो झट से उठ कर बैठ गई और मेरे लण्ड को देख कर बोली कि तेरा तो तेरे भैया से भी बड़ा है।
भाभी ने उसको थोडी देर मसलने के बाद उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं जैसे सातवें आसमान में था। वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे कोई बच्चा लोलीपॉप चूसता हो। कुछ देर चूसने के बाद मैंने भाभी से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ,
तो उन्होंने कहा कि मुंह के अन्दर झड़ जाऊँ और मैंने उनके मुँह में एक लम्बी सी पिचकारी मारी जिस से उन का पूरा मुँह भर गया और वो मेरा सारा रस पी गई। फिर मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनकी पेंटी उतारी और उनकी फुद्दी को अपनी उंगली से चोदने लगा और फिर उनकी फुद्दी को अपनी जीभ से चाटने लगा। कुछ देर बाद वो भी झड़ गई और मैंने उनका सारा रस पी लिया।
हम दोनों ऐसे लेटे रहे और उसी दौरान मैंने उनके स्तन चूसना शुरू किया और उन्होंने मेरा लण्ड फिर चूस कर खड़ा किया, मैंने उन के पैर फैलाये और मैंने अपना लण्ड उन के फुद्दी में डालना चाहा पर नहीं घुस रहा था। फिर भाभी ने कहा कि और थोड़ा ज़ोर लगाओ!
फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में घुस गया और उनके मुँह से एक चीख निकली। फिर मैंने एक और धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लण्ड उनकी फु्द्दी में घुस गया और भाभी को दर्द होने लगा। मैंने कहा कि मैं थोडी देर रुक जाता हूँ तो भाभी ने कहा की नहीं रुको नहीं, पहले पहले ऐसा होता है। फिर मैंने अपना काम चालू किया और लण्ड अन्दर बाहर करने लगा। भाभी को भी मजा आने लगा और फिर वो जोश में आआ ऊऊओ ईई श्श्श्श्श्श हहः करने लगी और मुझसे कहने लगी कि और जोर से! और जोर से! और जोर से!
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। जैसे ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, भाभी को और ज्यादा मजा आने लगा और वो और जोर से आआ आ आआअ ऊऊ श्श्श्श्श्श श्श्श्श्श्श्श्श ऊऊओ ईईइ करने लगी। फिर आधा घंटा चुदाई के बाद मैंने भाभी को कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने कहा कि मैं तो दो बार झड़ चुकी हू और तू अब झड़ रहा है!
फिर भाभी ने कहा कि तू मेरी फुद्दी में ही झाड़ दे और मैंने ऐसा ही किया। उस रात हम देवर भाभी ने सात बार चुदाई की और मैंने भाभी की गांड भी मारी।
और क्या मजा आया उनकी गांड मार के!
आपको मेरी भाभी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें!
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