मामी जी की रोज चुदाई

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(Mami Ji Ki Roj Chudai)

मैं एक बार फिर से आप लोगों के पास अपनी अधूरी कहानी लेकर हाजिर हूं. maami ki roz chudai
तो सबसे पहले पढ़ने वाली सभी बहनों की चूत पे मेरी प्यार भरी पप्पी।

हां तो आप ने पिछली कहानी में पढ़ा कि मैं किस तरह अपनी मामी की चुदाई करता हूं, अब आगे उस रात के बाद जब तक मामा जी नहीं आये, मैं मामी जी की रोज चुदाई करता रहा लेकिन मामा जी के आ जाने के बाद मुझे मामी जी की चुदाई का मौका मिलना बंद हो गया.

लेकिन यहाँ तो लंड को चूत का चस्का लग गया था तो एक दिन मौका देख कर मैं मामी जी को इशारे से कारखाने के पिछली साइड में बुलाया जिसे मेरी ममेरी बहन ने देख लिया और जब उसकी माँ कारखाने के पीछे आई तो वह भी छुप कर आ गई जिसे हम दोनों ने नहीं देखा.

कारखाने के पिछली साइड में लेबर को नहाने के लिये बाथरूम बना हुआ था जिस के अन्दर मैं मामीजी को लेकर चला गया और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया. लेकिन दरवाजा काफी पुराना होने के कारण काफी जगह से छेद हो रखा था जहाँ मेरे मामा जी की लड़की अपनी आंख लगा कर मेरे और अपनी माँ का रास लीला देखने लगी.

जैसा कि मैं आपको पहले भी बता चुका हूं कि मेरी मामी जी एक नम्बर की छिनाल चुदक्कड़ और रंडी है; वो चुदवाते समय काफी गंदी गंदी और भद्दी गाली का प्रयोग करती हैं.

मुझे अन्दर पकड़ते ही शुरु हो गई, कहने लगी- मेरे राजा, मेरे बेटे, तेरा लंड खाने के बाद से मेरी चूत में काफी खुजली मची है. तेरे मामा से कुछ नहीं होता. चल अब जल्दी से कपड़े उतार और चोद डाल मुझे! मेरी चूत को आज बगैर फाड़े मत छोड़ना. साली हरामजादी कुतिया बगैर लंड के मानती ही नहीं और तुम भोसड़ी के मादर चोद रंडी के आज ये जगह तुझे मेरे लिये मिली इतने दिनों से क्या यहाँ अपनी बहन को यहाँ चोदता था. बोल बे कमीने बहनचोद?

Ghar me maami ki roz chudai antarvasna story

इतने में तो मैं भी ताव में आ गया और उसे कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया और कस कस कर उसकी चुदाई करने लगा.
मैं भी बकने लगा- ले रंडी सम्भाल मेरे लंड को … तेरी माँ को चोदूँ रंडी साली हरामजादी! मैंने यहाँ अभी तो सिर्फ तुझे ही चोदा है. मगर मादरचोद जल्दी ही तेरी बेटी यानि मेरी बहन को भी यहीं चोदूँगा.

मेरी सब बातें मेरी ममेरी बहन सुन रही थी और हम दोनों का चुदाई लीला भी देख रही थी. जिसे वो बरदाश्त नहीं कर पा रही थी और अपने एक हाथ से अपनी चूची दबा रही थी और दूसरे हाथ से अपनी बुर में उंगली कर रही थी.

इधर हम दोनों इन बातों से बे-खबर चुदाई में मस्त थे।

मेरी मामी बदहवाश हो कर चिल्ला रही थी- आ आम्ममी ईई रीईई आअस्स ह्हूऊऊ ऊम्म्मीई ररीईई एरर्रा आज्आअ प्प्पह्हा आद्दूऊ ओ म्म्मीईई रर्ररीए स्सहह् हहउत क्क्कूऊ म्म्माआआ अर्र राआआ औऊउर ज्जओरर सस्सीईईए आऔ ऊउर रररर्र जओर्र स्सस्सए आआ आआअ स्सस् स्साआआ!

इस तरह करीब दस मिनट तक चुदाई चलती रही और उसके बाद मैं जैसे उसके चूत में घुस जाउंगा इस तरह से उसमें समाने लगा.
और हम शांत हो गये.

अब अन्दर से मादक आवाज़ें आना बन्द हो गयीं जो मीना से बरदाश्त नहीं हुआ. मीना मेरी ममेरी बहन का नाम है. तो अन्दर क्या हुआ है जानने के लिये मीना दरवाजे पर जरा और झुकी. दरवाजा ठीक से बंद नहीं था और मीना का पैर फिसल गया. वो दरवाजे पे पूरी तरह लड़खड़ाई और दरवाजा खुल गया. वो अन्दर गिरी.
फिर क्या हुआ और मैंने उसे कैसे चोदा?
बाकी अगले भाग में!
तब तक के लिये विदा.

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