भाई की गांड बहन की चूत के साथ

5/5 - (1 vote)

(Ass Pussy Sex Kahani)

ऐस पुसी की सेक्स कहानी में मेरी मौसी की बेटी हमारे घर आई। उसकी हरकत देखकर लगा कि वह बहुत चालू है। उसने मुझसे संभोग करने की कोशिश की। लेकिन मैं तो बेवकूफ हूं। Ass Pussy Sex Kahani
दोस्तों, कैसे हो सब?

मेरी पिछली कहानी थी: माँ-पापा का प्यारा बेटा।
अब एक नई घटना हुई, सोचा आपसे शेयर कर लूं। नहीं तो मजा नहीं आएगा।
यह ऐस पुसी की कहानी पढ़िए और मज़ा लीजिए।

दोस्तों, पता है मैं गे हूं। घरवालों को भी पता है, पर रिश्तेदारों को नहीं।
मेरी मौसी की बेटी हमारे घर आई है। उसकी हरकतें दिखा रही हैं कि वह बहुत चालू है।
मम्मी-पापा ने उसे मेरा कमरा दे दिया है।

उसने अपनी आदत के अनुसार मुझ पर फब्तियां कसनी शुरू कर दीं।
कभी कहती- भाई, मुझे मूवी दिखाओ!
तो मैं उसे मूवी दिखाने ले गया।

लेकिन उसने भद्दी सी मूवी पसंद की, जिसमें कम लोग थे।
मैंने कहा- ये मूवी बेकार है।
वो बोली- अगर इंटरवल में अच्छा लगे तो वापस आएंगे।
यह मूवी वयस्क थी।

किसी सीन को देखकर बोली- मुझे अंधेरे से डर लगता है।
फिर वह मुझसे लिपट गई और बहाने से मेरा लंड पकड़ने लगी।
पर अगर कुछ होता तो मैं करूं क्या?

मूवी खत्म होने के बाद वह गुस्से में मुझे गाली-गलौच करने लगी। मैंने सारी सच्चाई उसको बता दी। तब उसने कहा- अरे यार, जब तुझमें कोई बात नहीं है तो मेरे ऊपर खराब ज़ुबान क्यों खोल रहा है।
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा- तुझसे कब कहा कि तू इतनी बड़ी चालाक है कि मूवी देखने नहीं आती, बल्कि मेरे साथ ही हंगामा कर रही है।

वह अपने माथे पर हाथ रखकर खामोश हो गई। उस रात उसने मुझसे बात नहीं की।
अगले दिन उसने पूछा- क्या मैं तेरी मदद कर सकता हूँ?
मैंने पूछा- कैसे?

वह बोली- मैं अपने बॉयफ्रेंड को बुला सकती हूँ, इससे तेरा काम भी हो जाएगा, और मेरा भी।
मैंने कहा- घर में मम्मी-पापा भी तो हैं!
वह बोली- होटल क्यों है?
मैंने उस पर मरते-मरते कहा- तू किसी नंबर की चालाक है।

हिस्सेदारी की बात यह थी कि उसका बॉयफ्रेंड कहीं गया हुआ था।
वह फिकरमंद रही कि अब क्या करें।
लेकिन कहते हैं कि जब मरवाने की चाह हो तो कोई भी रास्ता मिल जाता है।
एक शाम हम छत पर टहल रहे थे, तभी सामने वाले घर की छत पर एक लड़का दिखा।

मैं और बहन दोनों उसकी तरफ आंखें फाड़ कर देखने लगे, जैसे पानी मिल गया हो।
मैंने बहन से कहा- चल, उससे मिल ले!
वह बोली- तू नीचे जा, मैं अपने तरीके से कर लूंगी।
कुछ ही दिनों में बहन ने उसे पटाया और मिलने का भी प्लान बना लिया।

मैंने उसकी मदद का प्लान उसको बताया- तू उससे जुड़ेगी, मैं ऊपर से आ जाऊंगा।
रात को वही हुआ।
बहन और उसका नया प्रेमी बिना कपड़ों के चुंबन कर रहे थे, तभी मैं आ पहुंचा।

मैंने उसको धमकाते हुए कहा- ये क्या कर रहा है? मैं सबको खबर कर देता हूँ।
लेकिन वह लड़का बोला- तुझे भी परिवार में शामिल कर लूंगा, अब ये नाटक मत कर।

मैंने अपनी बहन की तरफ देखा और वह हँसने लगी। मुझे पता चल गया कि उसने सबकुछ बता दिया है। उसने कहा- चल तो, नंगा हो जा।

आज बहन-भाई एक साथ शारीरिक संबंध बनाएंगे। मुझे लंड दिख रहा था, तो मैं तुरंत ही अपने कपड़े उतारने लगा। उसकी आंखों में चमक आ गई और उसने कहा- अरे, तू तो इस औरत से भी बड़ा माल है।

जब मैं उसकी तरफ बढ़ा तो उसने मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए। थोड़ी देर बाद मैं उसकी छाती चूम रहा था और उसका लंड तक पहुंच गया।

मुझे लगा जैसे मेरा दिल उसे देख कर धड़क रहा है। उसने कहा- इतनी प्यारी चट्टान है, मन करता है इसे मुहं में ही रख लूं। मैंने कहा- तो, रख ले मेरी जान। लड़कियों को लंड चूसने में भी बहुत नखरे होते हैं।

उसकी चट्टान बहुत सुंदर थी, गुलाबी और गोरी। मैंने तुरंत ही अपनी जीभ उसके सुपारे पर रख दी। उसकी सिसकारी निकल गई और उसने बहन का गला पकड़कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

मैंने लंड को मुंह में लिया और चूसने लगा। हम दोनों ही जन्नत के करीब खड़े थे। मैंने लंड को मुंह में लेकर उसे घुमाया और हल्का सा दांतों से काटा। जब मैं चूस रहा था, उसने झटका दिया तो लंड मेरे गले तक पहुंच गया।

मेरी आंखों से आंसू आ गए।

अब वह मेरी बहन की योनि चाट रहा था और मैं उसका लिंग चूस रहा था। लुक्का चूसने का आनंद बहुत ही खास है। फिर पांच मिनट में उसने सारे गर्म लावा मेरे मुंह में छोड़ दिए और लिंग बाहर नहीं निकाला। मेरी हालत खराब हो गई और मैं भागकर बाहर आया, तब तक उसने थूक दिया।

मुँह साफ करके लौटने पर देखा, बहन उसका लिंग चूस रही थी ताकि वह खड़ा रहे। उसने पता नहीं कौन सी दवाई खाई थी, उसकी मेहनत रंग लाई और वह फिर से खड़ा हो गया। वह फिर बहन की योनि में घुस गया।

पंद्रह मिनट में उसकी हालत फिर खराब हो गई और बोला, “तुम भाई की गांड मारो, मैं अब और नहीं सह सकती।” उसने जवाब दिया, “चल, तू भी आ जा। मैं तेरी मदद करता हूँ।”

मुझे जो चाहिए था, उसके आगे मैं आराम से खड़ा हो गया। उसने एक झटक में ही मेरा लिंग पूरे साथ मेरी गांड में डाल दिया।

“धीरे धीरे मेरी जान, मैं रोज का गांडू नहीं हूँ। महीनों बाद ही तुम्हें यह करना पड़ा।” उसने कहा।

“तो क्या, तेरी गांड इतनी टाइट क्यों है? यह फटी हुई योनि इस रंडी की है, तुम्हारी गांड तो अभी भी अच्छी है।”

मेरी बहन को पता नहीं क्या सूझा, वह मेरे लिंग को चाटने लगी।

मुझे अच्छा मजा आ रहा था। वह लड़का भी बहुत अच्छा सेक्श कर रहा था।

उसने बीस मिनट तक मेरा औजार चलाया और फिर मेरी गांड में समा गया।

मैं भी देर तक झड़ गया। मेरी बहन ने लिंग मुंह से नहीं निकाला।

सब खत्म होने के बाद वह चला गया। बहन मुझे बोली, “तेरा लिंग उससे भी अच्छा है। फिर क्यों अपनी गांड क्यों मरवाता है?”

मैंने जवाब दिया, “जब तक मेरा लिंग खड़ा नहीं होता, तब तक गांड नहीं खोलता।”

वह बोली, “मैं कल रात इसका इलाज कर दूंगी।”

अगली रात वह रसोई से बर्फ तोड़ने वाला औजार लाई और उस पर तेल लगा कर लकड़ी की तरफ से मेरी पीठ में डाल दिया।

मुझे ऐसा लगा जैसे उसका लंड सीधे मेरी गांड में प्रवेश कर गया हो। फिर वह नीचे आ गई और अपने लंड को मेरी चूत में फंसाया। उसने अपने हाथों से मेरी गांड पर मारना शुरू कर दिया।

दस मिनट में हम दोनों झड़ गए। इस तरह हमारा काम पूरा हुआ। मुझे खास मजा नहीं आया, पर चल गया।

कुछ दिनों बाद बहन वापस चली गई और मैं फिर अकेला रह गया।

लेकिन एक ट्विस्ट बाकी था, जो अगली कहानी में बताऊंगा। कैसी लगी यह अश्लील सेक्स कहानी?

मुझे मेल करें।

rb109315@gmail.com

Click the links to explore more stories from the category Group Sex Story or similar topics about इंडियन कॉलेज गर्लगांडचूत चाटनानंगा बदनभाई बहन की चूत चुदाईलंड चुसाईहॉट सेक्स स्टोरी