BDSM वाली सुहागरात

4.2/5 - (16 votes)

BDSM Wali Suhagraat

BDSM Wali Suhagraat मेरा नाम शाम्भवी है। कॉलेज से मेरा एक बॉयफ्रेंड है, यश। हमने अपने रिलेशनशिप के पहले 3 तीन महीनों में ही सेक्स करना शुरू कर दिया, कभी उसके घर, कभी मेरे, कहीं जगह नहीं मिली तो कॉलेज के वॉशरूम में (कई बार तो वो मुझे सरप्राइज देने के लिए बुर्का पहन के लड़कियों के वॉशरूम में घुस जाता था)। शुरू में तो वो मुझे एक आम मर्द की तरह पेलता था।

सिर्फ कभी-कभी अपने पसंद के कपड़े पहन के आने बोलता था। मैं साड़ी में बहुत पसंद थी। उसने कहा था कि जब भी कॉलेज से बाहर सेक्स हो, तो जरूर पहनना चाहिए। और हो सके तो सामने से खुलने वाले ब्लाउज पहनना (खोलते-खोलते मेरे बूब्स चाटना पसंद था)। धीरे-धीरे मुझे उसने अपनी बीडीएसएम फंतासी के बारे में बताया। कैसे उसने मुझे बांधकर अपने गुलाम सोच के अच्छा लगा था। एक दो बार उसने मुझे मेरे दुपट्टे या साड़ी से बांधा भी था।

लेकिन अभी तक हम लोगों ने कुछ हार्डकोर ट्राई नहीं किया था। धीरे-धीरे शादी तक बात पहुँच गयी। अब मुझे सारी की आदत हो गई थी, और दिन भर उसी में रहती थी। उसने मुझे शादी के दो दिन पहले अकेले में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर बुलाया था (मुझे पता था कि उसे मुझे छोड़ना था)। मैं अच्छे से साज-सज के उसके पास गयी। उसने मुझे एक थैला दिया और कहाँ हमारी सुहागरात की प्लानिंग। “योजना?” मैंने पूछा. “हाँ, सुहागरात खास होनी चाहिए।

सिर्फ पति-पत्नी तो कोई भी बन जाता है। क्यों ना हम एक लेवल ऊपर, मास्टर-स्लेव बैन?” मुझे उसकी बातें गरम कर रही थी। बिना ये सोचे कि वो किस लेवल तक सीरियस थी तो मैंने हंसते हुए हां कर दी। “इस थाने में निर्देश स्लिप और बाकी सामान है”। ये बोल के वो चला गया, मुझमें आग लगा के। मैंने घर जाकर थाने में देखा तो सामने पिन वाला ब्लाउज था, एक छेद वाली अधोवस्त्र, पेटीकोट फिल्मो में आइटम गर्ल्स जैसा।

एक साड़ी और एक पैक डिब्बा जिसमें लिखा ‘बीडीएसएम किट हॉर्नी कपल्स के लिए‘। एक पत्र मिला जिसमें लिखा है, “मेरी दासी शाम्भवी, नीचे दिए गए निर्देश और सभी परिस्थितियों का तुम्हें पालन करना है:-
सुहागरात के लिए तुम्हारे दिए हुए कपड़े ही पहनने हैं। तुम कमरे में मुझसे पहले आ कर रेडी होके रहना। फुटवियर के लिए तुम सबसे ज्यादा हाइट वाली पेंसिल हील ही इस्तेमाल करोगी। मेरी हुई बीडीएसएम किट में एक बॉल गैग है। उसे पहन के ही मेरा इंतज़ार करना। किसी भी नियम को अनफॉलो करने पर सख्त सजा मिलेगी

  • आपके गुरु यश की तरफ से प्यार।”

मैं पूरी गरम हो चुकी थी। मेरी उंगलियाँ बार-बार मेरी चूत में घुसना चाह रही थी। मैं समझ चुकी थी मैं यश की पत्नी नहीं बल्कि रंडी बनने वाली थी। पर मेरी हवास मुझे उसके लंड के अलावा कुछ सोचने नहीं दे रही थी। आखिर मेरी शादी का दिन आ ही गया। शादी की रस्मों के बाद मुझे सुहागरात के लिए कमरे में ले जाया गया। मेरी बहन और यश की बहन ‘सनाया’ मेरे पास कुछ हंसी-मजाक कर रही थी।

“भाभी कुछ सोचा कि भैया के साथ क्या-क्या करोगी?” मैं तो यही सोच के घबरा रही थी वो मेरे साथ क्या-क्या करेंगे। पिछले कुछ दिनों से वो मुझे सबमिशन और अपमान से संबंधित वीडियो भेज रहे थे। मैंने यश से कहा भी शायद मैं ये सब न कर पाऊं। लेकिन वो सिर्फ इतना कह के कहता है “चिंता मत करो, मैं सब करवा लूंगा तुमसे।” मुझे वैसे ही डर लग रहा था, और यह महिला मंडल भी मेरे कमरे से जा ही नहीं रहा था।

मुझे यश के अनुसार तैयार भी होना था। आखिर सब अपनी-अपनी राय देकर वहा से चले गये। मैंने तुरन्त अपने सामान में से उनका दिया सामान निकाला। उन्होंने अपने लिए अधोवस्त्र, पेटीकोट और ब्लाउज सब पहन लिए। मैंने फिर उनका दिया बॉल गैग भी लगाया। 2-3 मिनट लगाने हटाने के बाद वो भी मेरे मुँह पर अच्छे से सेट हो गया। मैंने ये सब करने से पहले कमरे की कुंडी लगा दी थी। अगर कोई देख लेता तो समझना काफी मुश्किल हो जाता। जब मैंने फाइनल टच के लिए अपनी अलमारी खोली, तो उसमें एक दुपट्टा था, रानी गुलाबी और थोड़ा बड़ा। एक नोट भी था,

“इसको अपने घूंघट की तरह इस्तमाल करना”। मैं सोचने लगी कि अगर यश को मेरे मुंह पर घूंघट चाहिए था, तो मैं अपनी साड़ी के पल्लू का इस्तेमाल कर लेती। खैर पहली रात मुझे उससे नाराज़ नहीं होना पड़ा। मैंने घूंघट को अच्छे से अपने ऊपर डाल लिया। घूंघट के कारण मेरा बॉल गैग छुप गया था। फिर मैंने हिम्मत करके कुंडी हटा दी, और आ कर बिस्तर पर दुपट्टे में मुँह छुपा के बैठ गयी। कमरे में कोई तो आया, मैं डर गई।

अगर ये यश नहीं हुआ, और कुछ हुआ तो मैंने अपने मुँह पर गग लगाया हुआ था, और कुछ बोल भी नहीं पाती। किस्मत से वो यश ही था। उसने आवाज़ दी “शाम्भवी तैयार हो ना आज के लिए?” उसकी बातें मुझे डरा रही थीं, लेकिन हवास को भी बढ़ा रही थीं। मैंने भी बॉल गैग के पीछे से हम्म उम्म हम्म किया। उसने मुझसे पूछा, “बीडीएसएम किट कहां रखा है?” मैंने भी हिसाब से कोने पर इशारा कर दिया। वो थोड़ा रुक के बोला, “बैग में?” मैने फिर बॉल गैग के पीछे से हामी भरी। इस बार तो बॉल गैग से मेरा पूरा थूक गिरने लगा।

मैंने मुँह से थूक हटाने की कोशिश की, तभी उसने मेरा हाथ कस के पकड़ लिया और कहा, “शाम्भवी तुम जानती नहीं हो ये थूक आज कितना जरूरी है तुम्हारे लिए, इसे बर्बाद मत करो। रुको एक गुलाम को ज्यादा ही छूट दे दी है मैंने”। ये कह के उसने मेरे दोनो हाथों और पैरों पर फर वाली हथकड़ी लगा दी। वो मेरे पास आ चुका था, और मुझे छूने लगा। उसने घूंघट हटाना शुरू किया। लेकिन, मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्होंने पीछे से हटाकर मेरी आंखों के सामने ले आया और पत्ती के जैसा मेरी आंखों के आस-पास बांध दिया। करने के लिए जारी।