(Malik ki patni ko choda)
हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था. General malik ki patni ko choda
मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, सेक्सी और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी गांड के पीछे दुम हिलाता फिरता था।
मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।
एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने शेखर कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।
वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सेक्सी सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।
General malik ki patni ko choda – Antarvasna in hindi language
यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने लन्ड पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का लंड न कहने लगे पर वह मेरे लंड को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा लंड है यह सुनकर मुझे मेरे लंड पर अब गर्व महसूस होने लगा।
तभी मैंने उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी चूत देखकर लग रहा था कि वह अनेको लंडो की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी चूत और उसने मेरा लंड चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता अब इस चूत की प्यास बुझाओ।
यह सुनते ही मैंने उसकी चूत पर जोर से दो झटके मारे और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मैं उसे चोद रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से चोदने के बाद अब वह मुझसे रोज़ चुदवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।
अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा।
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