सहेली के साथ पहला लेस्बियन अनुभव हेल्लो दोस्तों! मेरा नाम सोनिया है। मैं पंजाब में रहती हूँ। मैं काफी लंबे समय से अपनी बात, अपना अनुभव आपसे बाँटना चाहती थी। अब मैं शादीशुदा हूँ, पिछले महीने मेरी शादी हुई। लेकिन ये अनुभव जो आपके साथ बाँटना चाहती हूँ ये शादी से कुछ महीने पहले का है। दोस्तो, मुझे सेक्स के बारे में पता तो था पर यह नहीं पता था कि लड़कियां आपस में भी सेक्स को एन्जॉय कर सकती हैं।
मेरी एक खास सहेली जिसका नाम साक्षी है, मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी। हम अक्सर इकट्ठे पढ़ाई किया करते। और अगर वो मेरे घर ज्यादा देर तक रूकती तो मैं उसे रात को वापिस नहीं जाने देती थी। मेरा कमरा अलग है। और हम दोनों साथ सो जाया करते।
दोस्तो, एक रात हम यूँ ही देर रात तक पढाई करते रहे। पापा ने मुझे खाना बनाने को कहा। पर मैं अपने नोट्स समय पर बना लेना चाहती थी तो मैंने पापा को मना कर दिया। पापा ने मुझे अपने पास बुलाया और खूब बुरा भला कहा। माँ ने भी पापा का पक्ष लिया। इस बात से मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं रोते रोते अपने कमरे में आ गई। मुझे बहुत बुरा लगा था। साक्षी ने मुझे बहुत समझाया पर मैं रोते रोते सो गई। कुछ देर बाद साक्षी भी सो गई। बत्ती बंद थी सिर्फ़ डिम लाइट बल्ब जल रहा था।
करीब आधे घंटे के बाद अचानक मेरी आंख खुली। मैंने देखा साक्षी मेरे पास सो रही थी। पर इतनी पास?? उफ़!! उसका चेहरा मेरे चेहरे से मुश्किल से एक या दो इंच दूर होगा। पता नहीं क्यूँ पर एक अजीब सी सिहरन से मेरी सांसें भारी हो गई। उसके गुलाबी होंठ मेरे होंठों से सिर्फ़ एक या दो इंच दूर थे। शायद एक उतेजना मेरे शरीर में भर रही थी। पता नहीं क्यूँ मेरा सारा ध्यान उसके गुलाबी होंठों पर हो गया और में लगातार उन्हें देखे जा रही थी।
अचानक मेरे हाथ उसके होंठों को सहलाने लगे। अजीब सी उतेजना से मेरा जिस्म कांप रहा था। और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। अचानक मेरा ध्यान साक्षी की आँखों की तरफ़ गया। उफ़!! वो मुझे देख रही थी। मैं उसके होंठों को सहलाने में इतनी व्यस्त थी कि वो कब जाग गई पता नहीं चला। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में झाँक रही थी। शायद साक्षी भी उसी उत्तेजना को महसूस कर रही थी जो आग मेरे बदन को जला रही थी। मेरे जिस्म से एक अजीब से भीनी भीनी महक उठ रही थी। और उत्तेजना से मुझे अपने नीचे कुछ गीलापन लग रहा था। मेरे होंठ कांप रहे थे।
और अचानक जाने क्या हुआ। साक्षी ने मेरे होंठों को ऊपर से चूम लिया। और मैं अपने आप को रोक न पाई और साक्षी के सुंदर गोरे चेहरे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके होंठों में अपने होंठ डाल दिए। हाय!! क्या अजीब स्वाद था उसके गुलाबी होंठों का।मैं जैसे पागल हो गई और उसके होंठों में अपने होंठ डाल कर नशे में खो गई। उसके होंठों को चूसते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे एक आग मेरे जिस्म में भर रही हो।
अचानक उसने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी। मैं धीरे धीरे उसे चूसने लगी। करीब पॉँच मिनट तक चूसने के बाद मेरी हालत क्या हो गई थी मैं बता नहीं सकती पर उस समय सब कुछ अच्छा लग रहा था। हम दोनों को आँखों में एक नशा सा भर गया था।
अब साक्षी ने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए। मेरा सूट उतार देने के बाद वो मेरी अंगवस्त्र उतार रही थी, मुझे शर्म भी आ रही थी पर एक अजीब सा नशा हो चुका था। उसके बाद उसके अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं इतनी ज्यादा गीली थी शायद उससे बेड की चादर भी ख़राब हो रही थी।
Sakshi ke saath pahla anubhav Antarvasna Kahani
और अब साक्षी ने फिर से मेरी होंठों को चुसना शुरू किया। मेरी ऊपर लेट कर मेरी नंगे जिस्म से अपना जिस्म रगड़ कर मुझे पागल कर रही थी। उसके नितंब मेरी नितम्बों से रगड़ कर मुझे पागल कर रहे थे। साक्षी ने अपनी जीभ पर थोड़ा थूक रख कर मेरी होंठों पर लगाया फिर मेरी होंठों को चूसा। फिर थोड़ा थूक अपनी जीभ पर रख कर मेरी मुंह में अपनी जीभ डाल दी। मुझे कुछ अजीब लगा पर उसके थूक का स्वाद मुझे अच्छा लगा और मैं सारा चूस गई।
उसके बाद उसके मेरी नितंब अपने गर्म होंठों में ले कर चूसना शुरू किया। और उसके हाथ नीचे की तरफ़ जाने लगे। मेरी जिस्म में एक चिंगारी सी भर रही थी। और अब वो मेरी गीली चूत तक पहुँच चुकी थी। उसके मेरी गुलाबी चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू किया। मैं जैसे इस दुनिया में नहीं थी।
उसने एकदम अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी। शायद ज्यादा गीली होने की वजह से दोनों उँगलियाँ अपना रास्ता बनते हुए अन्दर चली गई। मैं जैसे आसमान में थी। मेरा नशा बढ़ रहा था। साक्षी ने अब अपनी उँगलियाँ अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी थी। मुझे मजा आ रहा था और मैं एक लय में उसका साथ देने लगी। सच उस वक्त साक्षी से चुदवाने में मजा आ रहा था। एक तरफ़ साक्षी मुझे अपनी उँगलियों से चोद रही थी तो दूसरी तरफ़ मैं उसकी जीभ को चूस रही थी। वो बार बार उँगलियों को निकालती और कभी मेरे और कभी अपने मुंह में दे देती। मुझे अपनी चूत का स्वाद अच्छा लग रहा था।
तभी उसने मुझे उल्टा कर दिया और वो गीली उँगलियाँ मेरे पीछे डाल दी। एकदम से डालने पर मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ पर मैं हर मजा लेना चाहती थी। कुछ देर अन्दर बाहर करने के बाद अब अच्छा लगने लगा। अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था। साक्षी मुझे पागल कर रही थी। कुछ देर के बाद साक्षी ने अपनी चूत मेरे मुंह की तरफ़ कर दी और अपना मुंह मेरी चूत की तरफ़, यानि ६९ की पोसीशन में आ गई। उसकी चूत से एक अजीब सी महक आ रही थी। उफ़!! वो भी गीली थी, बुरी तरह से।
अचानक मैंने साक्षी की गरम जीभ अपने अन्दर महसूस की। और पता नहीं कब मैं भी उसकी चूत को चाटने लगी। शायद मैं वो सारा रस चाट लेना चाहती थी जो उसके अन्दर से निकल रहा था। साक्षी कभी मेरी चूत चाट रही थी कभी मेरे पीछे अपनी जीभ डाल रही थी। मैंने भी पागलों की तरंह उसकी चूत में अपनी जीभ डाल अन्दर बाहर करने लगी।
अचानक मुझे लगा कुछ निकलने वाला है। और आह … आह! मेरे अन्दर से पानी निकला आह आह साक्षी चूस ले चाट दे मेरी चूत चाट जोर जोर से चाट आह आह! पता नहीं क्या क्या बकने लगी मैं। और पानी की तेज धारा के बाद मेरा पूरा जिस्म कांपा और शांत हो गया। उसके बाद मैंने साक्षी की चूत को चाट कर उसे भी शांत किया।
हम कुछ देर ऐसे ही लेटी रही। उसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और एक जोरदार किस करने के बाद सो गयी। मेरे मन में अजीब सी खुशी थी। दोस्तो, उसके बाद हमने बहुत बार एन्जॉय किया। मैं वो सब भी आपके साथ शेयर करुँगी। अब मैं शादीशुदा हूँ। मैंने अपने हसबंड को सब कुछ बता दिया है और वो भी चाहते हैं कि मैं उनके सामने किसी लड़की के साथ सेक्स करूँ।
मुझे बताना मत भूलना कैसा लगा मेरा अनुभव।
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