(Chut Chudai Ki Gulam)
मैं अत्यंत गर्म औरत हूँ। वैसे मेरी शादी हो चुकी है पर मुझे सिर्फ़ अपने पति से संतुष्टि नहीं मिलती इसलिए मैंने पड़ोस के एक हट्टे कट्टे मोटे लंड वाले लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बना रखा है। वह मेरा गुलाम बना रहता है। उसे मैंने कैसे फंसाया इसकी घटना आप सबको बताती हूँ। Padosi chudai ka gulam
मैं अपने पति संग अकेली रहती हूँ और वो हमेशा अपने ऑफिस के काम से बाहर जाते रहते हैं। उनके नहीं रहने पर मैं रात में मोटे बैंगन से अपनी चूत की खुजली शांत करती थी।
एक दिन मेरी नजर बगल के 26 वर्ष के लड़के सुमन पर पड़ी। उसका शरीर अत्यन्त गठीला था और उस दिन वह मेरे घर के बाउंड्री के बगल में पेशाब कर रहा था। मैं छत पे बैठी थी और वो बिल्कुल मेरे सामने नीचे लंड निकाले पेशाब कर रहा था। उसने मुझे देखा नहीं था और मैं उसके लंड को सामने से देख रही थी और मुझे लगा कि सुमन का लंड बहुत मोटा है।
उसी दिन से मैं उसके लंड से चुदने का प्लान बनने लगी। मैं उससे नजदीकी बढ़ाने के लिए उसे बाजार से कुछ सामान लाने को कह देती थी। वह मुझे भाभी कहता था और खुशी से सामान ला देता था। मैंने उसका मोबाइल नंबर भी ले रखा था।
मैं चूँकि 32 साल की सेक्सी औरत हूँ सो उसका भी आकर्षित होना स्वाभाविक था पर वह डर या शर्म से कुछ बोलता नहीं था पर उसकी नजर मेरी चुचियों और गांड पर अक्सर रहती थी। और फ़िर एक सप्ताह बाद मैंने उसे फंसा ही लिया।
उस दिन मैंने उसे फोन करके दोपहर के बाद 2-3 बजे घर बुलाया। मैंने इसके बाद अपनी चूत के बालों को हेयर रिमूवर क्रीम से साफ़ किया और लगभग 1 बजे तक पूरी तरह तैयार हो चुकी थी। मैंने साड़ी पहनी पर अंदर न तो पैंटी पहनी और न ही ब्रा। ब्लाउज भी स्ट्रिप वाली थी जिसमें लगभग पूरी पीठ दिखाई पड़ती थी।
लगभग ढाई बजे सुमन मेरे दरवाजे पर खड़ा था, मैंने जैसे ही खिड़की से उसे आते देखा मैं पेट के बल अपने बेड पर लेट गई, अपनी साड़ी को इस कदर उठा लिया की मेरी पूरी जांघ दिख रही थी और अगर कोई झुक कर देखता तो उसे मेरी गांड की भी झलक मिल जाती। पीठ पर भी मैंने साड़ी नहीं रहने दी थी और बगल में एक डेबोनेयर पत्रिका खोल कर रख दी थी, ऐसा लग रहा था मानो मैं पत्रिका पढ़़ते हुए सो गई थी।
सुमन को मैं पहले ही बोल चुकी थी कि अगर दरवाजा खुला रहे तो कालबेल बजाने कि जरुरत नहीं है बस आवाज देकर अन्दर आ जाना। दरवाजा मैंने खुला छोड़ कर ही रखा था और सुमन अन्दर आ गया। उसने आवाज लगाई पर मैंने कोई जबाब नहीं दिया।
मेरे बेडरूम में बज रही हलकी म्यूजिक की आवाज सुनकर वह इस ओर बढ़ गया और फ़िर वही हुआ जिसका मुझे इंतजार था।
Padosi chudai ka gulam – antarvasna hindi sex stories
उस स्थिति में देखकर उसने पहले तो धीरे से आवाज लगाई और कोई जबाब नहीं मिलने पर मेरी बगल में आहिस्ते से बैठ गया। उसने धीरे से मेरी साड़ी जांघो पर से उठा दी और मेरी गोरी-गोरी चूतड़ उसके आँखों के सामने थी।
उसने धीरे से मेरी चूतड़ों को एक दूसरे से अलग कर गांड का छेद देखने की कोशिश की और मैंने अपनी टांगों को जानबूझ कर इस कदर फैला लिया की उसे मेरी चूत भी दिखने लगा। उसने अपनी ऊँगली से मेरी चूत को छूना शुरू किया और मैंने जागने का नाटक किया और बोली- ‘सुमन यह क्या कर रहे हो?’
वह घबरा गया और मेरे पैरों पर गिर कर गिड़गिड़ाया- ‘भाभी मुझे माफ़ कर दो आप जो कहोगी मैं करूँगा।’ वह डर चुका था।
मैं बोली कि ठीक है माफ़ करुँगी पर मेरा कहा मानोगे तब।
उसने हां में सर हिलाया।
मैं उसे दरवाजा बंद कर आने को बोली और वह दौड़ कर दरवाजा बंद कर आया। तब मैं उससे बोली-‘देखो, तुमने मेरी चूत देखी है और इसके बदले मैं तुम्हें पूरा नंगा देखना चाहती हूँ।’ सुमन ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैं उसके लंड का आकार देखकर उत्तेजित हो उठी। उसका लंड लगभग 7 इंच लंबा था पर उसकी मोटाई ज्यादा थी।
मैंने उसके लंड को पकड़कर उसके सुपाड़े की चमड़ी को नीचे कर दी। फ़िर मैंने उसे अपनी चूत चूसने को कहा और मैं अपने पैर मोड़कर बेड पर लेट गई। वह मेरी चूत चूसने और चाटने लगा, मुझे बहुत मजा आ रहा था। वह मेरे चूत का रस मस्त होकर पी रहा था।
फ़िर मै उसे रोककर अपने कपड़े उतारने को बोली और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे थे। मैंने उसे अपनी चूचियाँसहलाने और चूसने को कहा और उसने ऐसा ही करना शुरू किया। मैं सी सी सी, की आवाज निकाल रही थी। फ़िर मैंने सुमन को अपने क्लिटोरिस को चाटने को कहा और उसने चाटना शुरू किया मैं आनंद के असीम सागर में गोते लगा रही थी।
मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी मैंने उसके मोटे लंड को पकड़ कर उसे चूत में डालने का इशारा किया और वह मेरे पैरों के बीच बैठ कर लंड को चूत के छेद पर रगड़ रहा था और फ़िर उसने एक धक्के के साथ अपने लंड को मेरी चूत में धंसा दिया पर उसका मोटा लंड मेरी चूत में फंस रहा था, मैंने अपने पैरों को थोड़ा और फैलाया और उसने एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड मेरी चिकनी चूत में उतार दिया और फ़िर धक्के लगाकर चुदाई करने लगा।
मेरी चूत सुमन के मोटे लंड की रगड़ से मस्त हो रही थी और मैंने अपनी चूत उठाकर सुमन का साथ देना शुरू कर दिया। लगभग 22-25 धक्कों के बाद सुमन ने अचानक चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और उसका लंड मेरी चूत में वीर्य छोड़ने लगा, गर्म वीर्य, लंड के फूलने सिकुड़ने और सुमन के मजबूत जकड में मुझे चुदाई का असीम आनंद मिल रहा था और मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं झड़ रही थी।
इसके बाद लगभग 3-4 मिनट तक हम वैसे ही पड़े रहे इसके बाद मैंने सुमन को तौलिया से अपने चूत को पौंछ कर साफ़ करने को कहा और उस दिन से मेरे हाथ सुमन के रूप में एक चुदाई का गुलाम प्राप्त हुआ जो मेरी इच्छानुसार आकर मेरी चुदाई कर मेरी चूत को तृप्त करता है।
Click the links to read more stories from the category पड़ोसी or similar stories about Oral Sex, अंग प्रदर्शन, चुदास
Tags:- chut ki kahani, chut chudai ki kahani, chut story, chut kahani, chut ka, chut ki kahani, chut chut chut, chut chudai ki kahani, chut ki chudai ki kahani